Nojoto: Largest Storytelling Platform

बहुत सूनी सूनी सी हो गई है ये ज़िन्दगी ढूँढता हूँ ह

बहुत सूनी सूनी सी हो गई है ये ज़िन्दगी
ढूँढता हूँ हर घड़ी जाने किसकी है कमी

ना लोग बेगाने यहाँ ना ही परायी है ज़िन्दगी
अपनों की भीड़ में ये तनहाई कहाँ से आ गई 

हर तरफ के शोर में खामोशियाँ भी हैं घुली
हँसते चेहरों के दरमियाँ मायूस भी है कोई

ग़म की वजह कोई नहीं ग़मगीन सा मैं हूँ मगर
याद अब वो आता नहीं आँखों में क्यूँ है नमीं

22.10.1994 #पुरानी_डायरी #yqbaba #yqdidi
बहुत सूनी सूनी सी हो गई है ये ज़िन्दगी
ढूँढता हूँ हर घड़ी जाने किसकी है कमी

ना लोग बेगाने यहाँ ना ही परायी है ज़िन्दगी
अपनों की भीड़ में ये तनहाई कहाँ से आ गई 

हर तरफ के शोर में खामोशियाँ भी हैं घुली
हँसते चेहरों के दरमियाँ मायूस भी है कोई

ग़म की वजह कोई नहीं ग़मगीन सा मैं हूँ मगर
याद अब वो आता नहीं आँखों में क्यूँ है नमीं

22.10.1994 #पुरानी_डायरी #yqbaba #yqdidi
gautamanand4109

Gautam_Anand

Bronze Star
New Creator