शहादत
मौन है। मुतमइन है। आज फिर लूट रहा है।
हर अश्क उस का वेदना की चीख बन कर गिर रहा है।
वो बूढ़ा किसान फिर मन में साहस भर रहा है।
लाल उस का लिपट कर तिरंगे में धरा से उठ रहा है।
शहादत के आँसू को पीना कितना मुश्किल हो रहा है।
गोद सारी चिंघाड़ रही हैं। #ValentineDay#14feb#PulwamaAttack#Life_experience#14febpulwamattack