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निगाहों में मंजिल थी, गिरे और गिर के सँभलते रहे।

निगाहों में मंजिल थी,
गिरे और गिर के सँभलते रहे।

हवाओं ने बहुत कोशिश की,
मगर चिराग आँधियों में भी जलते रहे।

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  #निगाहों में मंजिल थी,
गिरे और गिर के सँभलते रहे।

हवाओं ने बहुत कोशिश की,
मगर चिराग आँधियों में भी जलते रहे।
rashivmeena8038

Sk

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#निगाहों में मंजिल थी, गिरे और गिर के सँभलते रहे। हवाओं ने बहुत कोशिश की, मगर चिराग आँधियों में भी जलते रहे।

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