बात बड़ी पुरानी है, बात मेरे बचपन की है बात मेरी स्कूल की हे, बात मेरी शरारतों की है,। कैसे भूलाउ उन यादों को जब हम अपने विद्यालय में नीम के पेड़ के नीचे बैठा करते थे। शरारत मेरी वो ऐसी थी की, किसी गोलू-मोलू बच्चे को में अपनी पेंसिल की नोंक पीछे से चूबो के पीछे से भाग जाता था और जो मेरे पीछे खड़ा होता था,। उसको मार पड़ जाती थी। यादे मेरे स्कूल की, यादे मेरे बचपन की बड़ी जल्दी यूही बित गई, बचपन मेरा शरारतों वालो यूहीं स्कूल में बीत गया। अब बस वो यादे, वो गुरू, वो मित्र रहे गए। बात बड़ी पुरानी है, बात मेरे बचपन की है, बात मेरे स्कूल की है, बात मेरी शरारतों की है। बात बड़ी पुरानी है, बात मेरे बचपन की है, बात मेरे स्कूल की है, बात मेरी शरारतों की है😂✌️। #बचपन#SchoolKiYaade #Nojotohindi#Nojotovoicerecored#Nojotovideo#like#Share अाप का बचपन कैसा रहा 🤔😁👌