आलम इश्क़ का कुछ यूं भी खास है। हर वक़्त लगे के तू। मेरे आसपास है। इश्क़ तेरा मुझपर । कुछ ऐसे छाया है। जैसे सुबह सुबह ओस से। ढकी घास है। ताहिर।।। #aalam ishq ka