तन्हाई.... कभी आँखों में चुभती है, तो कभी सांसों में; कभी दिल में खलती है, तो कभी आहटों में; ये वो बात है, न तो उनको बतलाया ना समझाया जा सकता है; ये तो वो जज्बात है, जो प्यार को बनाया और खुदको बिगाडा जा सकता है। About loneliness and being lonely 19.08.2022