खत में मैंने लिखा कि खत में मैंने लिखा कि मै फिर भी तुमको चाहूँगा । दूरी हो चाहे कितनी भी मैं फिर भी तुमसे मिलने आऊँगा । शायरी हो या ग़ज़ल मै इसमे नाम तेरा ही दोहराऊंगा ।। खत में मैंने लिखा कि मैं फिर भी तुमको चाहूँगा । मेरा ख़याल तुम तक ही ठहरा है आंखों में मेरी एक तेरा ही चेहरा है । इस दिल को कोई और पसंद नही आती रात, तू ही तूही मेरे दिल का सवेरा है ।। खत में मैन लिखा कि मैं फिर भी तुमको चाहूँगा । -Rk_Sunil