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खत में मैंने लिखा कि खत में मैंने लिखा कि मै फिर भ

खत में मैंने लिखा कि खत में मैंने लिखा कि
मै फिर भी तुमको चाहूँगा ।

दूरी हो चाहे कितनी भी 
मैं फिर भी तुमसे मिलने आऊँगा ।
शायरी हो या ग़ज़ल 
मै इसमे नाम तेरा ही दोहराऊंगा ।।

खत में मैंने लिखा कि
मैं फिर भी तुमको चाहूँगा ।

मेरा ख़याल तुम तक ही ठहरा है 
आंखों में मेरी एक तेरा ही चेहरा है ।
इस दिल को कोई और पसंद नही आती
रात, तू ही तूही मेरे दिल का सवेरा है ।।

खत में मैन लिखा कि
मैं फिर भी तुमको चाहूँगा ।

-Rk_Sunil
खत में मैंने लिखा कि खत में मैंने लिखा कि
मै फिर भी तुमको चाहूँगा ।

दूरी हो चाहे कितनी भी 
मैं फिर भी तुमसे मिलने आऊँगा ।
शायरी हो या ग़ज़ल 
मै इसमे नाम तेरा ही दोहराऊंगा ।।

खत में मैंने लिखा कि
मैं फिर भी तुमको चाहूँगा ।

मेरा ख़याल तुम तक ही ठहरा है 
आंखों में मेरी एक तेरा ही चेहरा है ।
इस दिल को कोई और पसंद नही आती
रात, तू ही तूही मेरे दिल का सवेरा है ।।

खत में मैन लिखा कि
मैं फिर भी तुमको चाहूँगा ।

-Rk_Sunil