शहद सी मीठी लगे मगर बात खारी कहे। तुम हिरण तुम परी तुम मोरनी मेरा मन बारी-बारी है घने जुल्फ है शेरनी सी अदा दिल कहे कर ले इससे इश्क की खता आकाश में सूर्य और चन्द्र बतियाते है जब हम चुपके से ख्यालों में तुझे छूकर चले आते हैं तब माना की तू न परी न तेरी अदा कातिल है मगर सच है तेरा न सानी कोई न तेरे काबिल है तेरी आँखों मुझसे कुछ तो इशारे करे तू जरा सलीके से अपने आप को संवारा करे हम हर्फ़ की दुनिया के एक मुसाफिर तू बस मेहमान समझ न की मुजाहिर ये बात और है तेरा मेरा ताल्लुक नहीं और इस ताल्लुक पे मुझे ताज्जुब नहीं धीरे धीरे दोस्ती की चल तैयारी करे बाते अपनी एक दूजे से बारी बारी करे लब गाल आँख जुल्फ और ये नजाकत तुझे भूलने की अब न है हिमाकत जो कुछ कहा बस यही दोहराता रहता हूँ दूर हूँ तुमसे बहुत पर पास बुलाता रहता हूँ लफ्जों से तु मुझको सयानी लगे मगर हरकतों से बचकानी लगे जो जो कहा वही फिर से कहूंगा जैसा हूँ मैं वैसा रहूंगा शहद सी मीठी लगे मगर बात खारी कहे। तुम हिरण तुम परी तुम मोरनी मेरा मन बारी-बारी है