मैं एक मज़दूर क्या करु जन्म से हू घर से निकलता हू रोज कमाने के लिऐ राह देखते हैं मेरे घर वाले वो आयेगा तब मिलेगा हमे खाने के लिये अब इस मोड़ से गुज़रा हू भगवान नही चॉंहता होगा मैं घर पे पोहचू समजाना मेरे घर वालो को मै अब घर नहीं आ रहा हू. आज के औरंगाबाद रेल हादसे ने स्तब्ध कर दिया है। प्रार्थना करते हैं कि ईश्वर सभी मृतकजनों की आत्मा को शांति प्रदान करे और परिवारजनों को दुख सहने की शक्ति दे। #yostowrimo में प्रवासी मज़दूरों को केंद्र में रखते हुए एक कहानी लिखें। कहानी दो प्रवासी मज़दूरों के बीच वार्तालाप के रूप में हो सकती है अथवा आपके प्रत्यक्ष अनुभव पर आधारित हो सकती है। #मज़दूरीएककहानी #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi