लाख रुपये भी कमा बैठे, बड़े बंगले भी बना बैठे, जी को सुकून देता था जो, वो यार व्यापार में गवा बैठे, बात कुछ इतनी भी बड़ी ना थी, पर हम राई को पहाड़ बना बैठे, जिस चंद फुलो से मेहकति थी बगिया, उस बगिया को उजाड़ बना बैठे, लोगो को अब क्या नसीहत दे हम, जब हम खुदका खिलवाड़ बना बैठे... #loveforlife #passionpoetry #happyalways