पुराने आसमां के दौर से बादलों के धुँध से झाँकती लुका-छुपी सा खेल खेलती वो पुरानी बिखरी यादें, कुछ भुलावट भरी सी तो कुछ अंजान भरी सी वो पुरानी बिखरी यादें, कभी इस दिल को सितारों सी रोशन कर देती तो कभी स्याह भरी अंधेरी की चादर में सिमट सी जाती वो पुरानी बिखरी यादें, चले ऐसी पूरवाई कि महका जाये ये आलम सारा महसूस करना चाहे दिल हमारा खुशबू भरी वो पुरानी बिखरी यादें, उड़ान भरने की चाह अक्सर जगाती दिल को हमारे लगती मानों जानी पहचानी सी वो पुरानी बिखरी यादें, ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1034 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।