*** कविता *** *** चलो कुछ बात बताई जाये *** " चलो कुछ बात बताई जाये , नज़र की नज़र की समझाई जाये , मुझे तुम से इश्क हो रहा हैं , बता अपनी रजामंदी समझोगे कैसे , ये ख्याल तेरा मुस्कुराना तेरा , यूं ही कोई बात नहीं , चलो कुछ बात बताई जाये , रुसवा हो रहे खुद से ही , तेरा ख्याल पाल के अब , नज़र की नज़र की समझाई जाये , बात अब ये जिस बात पे ठहरे , चलो इसे कोई अंजाम दिया जाये , देख के यूं थमक जाना तेरा , फिर किसी बात का इशारा तो नहीं . " --- रबिन्द्र राम Pic : pexels.com *** कविता *** *** चलो कुछ बात बताई जाये *** " चलो कुछ बात बताई जाये , नज़र की नज़र की समझाई जाये , मुझे तुम से इश्क हो रहा हैं ,