सारे जहाँ की खुशियाँ लुटाऊँ, तुझ पर ही ऐ मेरे सनम! हर एक जनम में हमारे बनोगे, ले लूँ मैं तुझसे कसम। ना शिकवा करेंगें, न कोई शिकायत बन कर रहेंगे तेरे, लुटा कर खुद को ही रोशन करेंगे, जीवन को हम तेरे। तेरे ही पहलू में बसते हैं सनम, हमारे तो दोनों ही जहाँ, चैन-ओ-सुकून खुद ही आ जाते हैं ,रहते हो तुम जहाँ। चाँद सितारों की ख्वाहिश नहीं है, तेरा ही प्यार मैं पाऊँ छोड़ूँ ना तेरा दामन कभी भी, हरपल तेरा साथ निभाऊँ। रूह में समा कर जीवन महकाता है, रूहानी इश्क़ तेरा, नस-नस में लहू बनकर दौड़ता है, सूफियाना इश्क़ तेरा। पल पल मैं तेरी नजर उतारूँ, तुझसे ही है ये जीवन मेरा, हर रात मेरी तेरे पहलू में बीते, तेरी बाहों में हो मेरा सवेरा। तू"एक सोच"का प्यार, तू ही खुदा,तुझसे ही है मेरी साँसें, तू ही है मन्नत, तू ही दुआ है, तुझसे यह दुनियाँ है जन्नत। -"Ek Soch" 🎀 प्रतियोगिता संख्या- 29 🎀 शीर्षक:- "" सूफियाना इश्क़ तेरा "" 🎀 शब्द सीमा नहीं है। 🎀 इस प्रतियोगिता में आप सभी को इस शीर्षक पर collab करना है।