अब तो रिश्ते भी बेमाने हो गए। कुछ कह गए कुछ चुप कर सह गए। भरोसा न बचा किसी का किसी पर सत्ता बचाने के ढर्रे ही आजमाने रह गए। लोग कहते कुछ, और करते कुछ और। दूसरो को उल्लू बनाने रह गए। #बेमानी