Nojoto: Largest Storytelling Platform

:-वो बचपन की बारिश और अपना गांव। एक अरसा बीत गया

:-वो बचपन की बारिश और अपना गांव।

एक अरसा बीत गया जब बारिश में भीगा करते थे,जब महीना आता था सावन -भादों का, बादलों के गरजने के साथ बिजली की चमक को देखा करते थे। जब घुस आता पानी घर के कमरे में, स्वयं पानी उलचा करते थे।पानी के बहाव के साथ मिट्टी का कटाव देखा करते थे।और बारिश ख़त्म होने के बाद मेढकों का टर्र -टर्र सुना करते थे ।और इन दिनों जब खुद से बनाई दो पहियों की गाड़ी चलाया करते थे,बड़ा ही अच्छा लगता था जब पोखर भर जाया करते थे,जब चहुँ ओर खेत हरे भरे दिखते थे।
-✍️अंकित यादव बारिश,बचपन, गांव।
:-वो बचपन की बारिश और अपना गांव।

एक अरसा बीत गया जब बारिश में भीगा करते थे,जब महीना आता था सावन -भादों का, बादलों के गरजने के साथ बिजली की चमक को देखा करते थे। जब घुस आता पानी घर के कमरे में, स्वयं पानी उलचा करते थे।पानी के बहाव के साथ मिट्टी का कटाव देखा करते थे।और बारिश ख़त्म होने के बाद मेढकों का टर्र -टर्र सुना करते थे ।और इन दिनों जब खुद से बनाई दो पहियों की गाड़ी चलाया करते थे,बड़ा ही अच्छा लगता था जब पोखर भर जाया करते थे,जब चहुँ ओर खेत हरे भरे दिखते थे।
-✍️अंकित यादव बारिश,बचपन, गांव।
ankityadav8208

Ankit Yadav

New Creator