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मैं वो शायर हूँ जो अश्क लिखता हूँ, तुझे मैं हर वक़

मैं वो शायर हूँ जो अश्क लिखता हूँ,
तुझे मैं हर वक़्त लिखता हूँ,
लिखता हूँ मैं तुझे इश्क़ सा,
हर अल्फाज तुझपे मदमस्त लिखता हूँ,

तू तस्सवुर है एक आईने सा,
उस आईने को मैं गुलाब लिखता हूँ,
तुम इश्क़ की परवान तो चढ़ो,
मैं तुम्हे सुबह और एक हसीं शाम लिखता हूँ...

©पूर्वार्थ
  #श्यारी