जब मौत जिंदगी से अच्छी लगने लगे उस दौर को क्या कहें , रास्ता एक ही हो और अंधेरा ही अंधेरा हो उस ओर को क्या कहें , लिपटी हो जिससे झूठी कहानियां, बंधे हों झूठे रिश्ते जिससे उस डोर को क्या कहें , टूटा हो बहुत कुछ लेकिन आवाज दब गई हो अंदर गूंजते उस शोर को क्या कहें । उस दौर , उस और , उस डोर को क्या कहें ~ स्वयं Insta @poetry_from_heart_1 ©Poetry From Heart ,#poetry_from_heart_1 #स्वयं #worldpostday