ये जिस्म मेरी जां रिहाइशी है एक मकां भरोसा दरो दीवार का! दिल का न कीजे हां एक आसमानी छत एक मखमली ज़मीन ख़्वाबों सी ज़िन्दगी किसी की मोहतबर कहां दो चार दिन के वास्ते एहसान एक उमर दोस्त दोस्त की तरह मिलते भी हैं कहां #toyou #yqme #yqwe #beingin #lifelessness #yqlife