"साथी" कैसे पड़ जाने दूं फीकी मुस्कान मैं तेरे चेहरे की सौप कर सबकुछ तो तुने मुझको सम्मान मेरा ओढा़ है रखती हो "साथी"तुम सदा मान पिया का अपने श्रृंगार उसके नाम का करते हो लुटा दूं प्राण मैं तुझपर तब भी समक्ष तेरे प्यार ,सम्मान के इसका कोई मोल नही, सुनो "साथी"आओ लग जाओ सीने से वचन है कभी जुदा ना करेंगे हो कोई भी कैसी परिस्थिति आंखों के आंसू की हम वजह ना बनेंगे — % & #साथी_का_पहरेदार_पिया #खूबसूरत_सफ़र_साथी_के_साथ #साथी_ने_पिया_का_सम्मान_ओढा़_है #साथी_का_श्रृंगार #साथी_जीना_तेरे_संग_मरना_तेरे_संग #साथी_लगा_तुझे_हरदम_सीने_रखूंगा