बेटे भी होतें है घर से विदा" देखा है कहीं? 1. ना रीत है ये आज की, ना प्रीत किसी साम्राज्य की.. बेटे भी होते है घर से विदा, देखा है कहीं? 2. जब दुनिया की आस में बस बेटा हो, जब माँ-बाप हाथ में बेटी हो। हाँ तब देखा है, बेटे भी होते है घर से विदा। 3. जब माँ-बाप को धुतकारा हो सबने, बेटी है कहकर दुःख जताया हो सबने, हाँ तब देखा है, बेटे भी होते हैं घर से विदा। 4. जब माँ-बाप का सहारा हम बने, जब माँ-बाप का दुलारा हम बने, हाँ तब देखा है, बेटे भी होते हैं घर से विदा। "शेष अनुशीर्षक में पढ़ें" 15-16quote बेटे भी होतें है घर से विदा" देखा है कहीं? 1. ना रीत है ये आज की, ना प्रीत किसी साम्राज्य की.. बेटे भी होते है घर से विदा, देखा है कहीं?