मेरी जुस्तजू में तेरा नाम अब भी है। मेरी ग़मे-तन्हाई की शाम अब भी है। हर कोशिश नाकाम है तुमको भुलाने की- तेरी यादों का दिल में सलाम अब भी है। मुक्तककार- #मिथिलेश_राय ©Mithilesh Rai #OneSeason