अपने ही ख़्यालों में बसने लगे हैं रफ़्ता-रफ्ता हम भी अब थकने लगे हैं माना मेरा सब कुछ यहीं है फिर भी ये मेरा मुकद्दर नहीं है खता भी इसमें हवा की नहीं है अपनी मर्जी से दिए अब बुझने लगे हैं माना खोने की तुमको आदत नहीं है कुछ बताने की हमको अब चाहत नहीं है कहने को तो अब भी बहुत कुछ है लेकिन अब लिखने से ज्यादा हम सिमटने लगे हैं मेंहदी के जैसी सोहबत है तेरी रंगों के जैसी फितरत है मेरी तुझमें घुलकर वजूद मिटने लगा है तुम महकने लगी हो,हम निखरने लगे है... ©abhishek trehan #रफ्ता_रफ्ता #थकनेलगेहैं #loveforever #manawoawaratha #lovestory #yqdidi #yqbaba #myquote