तेरी बुराईयों को हर अखबार कहता है, और तू मेरे गांव को गंवार कहता है। थक गया है हर शख्स काम करते करते, तू इसे अमीरी का बाजार कहता है। यहां बच्चे भी बड़ों का अदब भुल बैठें हैं, तू इस नए दौर को संस्कार कहता है। #nojoto #बुराईया #अखबार #गांव #गंवार #शख्स #अमीरी #बाजार #बच्चे #बड़े #अदब #नए #दौर #संस्कार