एक हवा का झोंका..बहाकर ले गया, गठरी उसूलों की..जो बांधती थी एक दायरे में! बिखेर कर..संजोया हुआ सब कुछ... उड़ चली आसमा मे! छूने की कशिश चांद को.. जो दबी थी किसी कोने में, साथ पाकर सरसराती हुई हवाओं का..जागने लगी! जाने क्यों ये बेवक्त की हवा.. मुझे मुजरिम करने लगी! ©deepti😊 #slept #leftalone