मद्धम मद्धम सांसे कह जाती है मेरे चलने कि वजह तुम हो जी रहा ख्वाबों के जहां में बेखौफ तुम्हारा सुबह और रात का चुंबन सुरक्षा कवच है डूब जाता तुम्हारी रहस्यमयी नशीली निगाहों में इतना कि मेरी अस्तित्व झकजोर के कहती निश्छल प्रेम की परिभाषा तुम हो कभी कभी तो लगता है तुम बस मेरी प्रेमिका नहीं माँ हो ,पुकार लगा देता हूं जैसे मै शिशु हूं तुम और मैं अलग नहीं तुम मेरी बाहों में और मैं तुम्हारी सांसों में व्याप्त हूं । ..........................❤ #पागल_प्रेमी #प्रेमी_मन #dedicatedtosomeone 😘😘😘😘😘😘😘 .............❤..........k #yqdidi #yqbaba #kunu