"खुला आसमां" -Anjali Rai (शेष अनुशीर्षक में) सफ़र पर निकलते वक्त सोचा तुम साथ होते हाथ थामे चलते कितना सहज होता ना ये सफ़र भी , वक्त भी पर जो सहजता से