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खिल आया फिर पलाश, मानो लाया जीवन में नई आश, दुल्ह

खिल आया फिर पलाश, 
मानो लाया जीवन में नई आश,
दुल्हन बने जंगल, ओढ़े चुनर लाल,
ज्यों पूनम में छाया चाँदनी का ऊजास,
खिल आया फिर पलाश ।

एक प्रेमी से बोला हंसता हुआ पलाश, 
प्रेम के फूलों से पुलकित होता जीवन आकाश,
रहे धूप, बारिश, सर्दी आयें चाहे आंधी, तूफान,
मुरझायें कभी न जीवन से प्रेम के पलाश,
खिल आया फिर पलाश ।
मानो लाया जीवन में नई आश।

एक मां से बोला नन्हा सा पलाश,
कभी मत होना तुम अपने लाल के लिये उदास,
माँ का प्यार, प्रकृति की करुणा,
मिलकर करते हर फूल की रचना,
खिलेंगे हर लाल के जीवन में सुरभित पलाश,
खिल आया फिर पलाश ।
मानो लाया जीवन में नई आश ।

एक सैनिक से बोला यौवन से भरा पलाश,
तुम और मैं देखते स्वप्न एक प्रकार,
इस धरती को उस अम्बर तक बनाकर सुंदर अपार,
इस मिट्टी में मिलकर फिर खिल जाना बनके पलाश,
खिल आया फिर पलाश ।
मानो लाया जीवन में नई आश ।।

-विनय #Palash
खिल आया फिर पलाश, 
मानो लाया जीवन में नई आश,
दुल्हन बने जंगल, ओढ़े चुनर लाल,
ज्यों पूनम में छाया चाँदनी का ऊजास,
खिल आया फिर पलाश ।

एक प्रेमी से बोला हंसता हुआ पलाश, 
प्रेम के फूलों से पुलकित होता जीवन आकाश,
रहे धूप, बारिश, सर्दी आयें चाहे आंधी, तूफान,
मुरझायें कभी न जीवन से प्रेम के पलाश,
खिल आया फिर पलाश ।
मानो लाया जीवन में नई आश।

एक मां से बोला नन्हा सा पलाश,
कभी मत होना तुम अपने लाल के लिये उदास,
माँ का प्यार, प्रकृति की करुणा,
मिलकर करते हर फूल की रचना,
खिलेंगे हर लाल के जीवन में सुरभित पलाश,
खिल आया फिर पलाश ।
मानो लाया जीवन में नई आश ।

एक सैनिक से बोला यौवन से भरा पलाश,
तुम और मैं देखते स्वप्न एक प्रकार,
इस धरती को उस अम्बर तक बनाकर सुंदर अपार,
इस मिट्टी में मिलकर फिर खिल जाना बनके पलाश,
खिल आया फिर पलाश ।
मानो लाया जीवन में नई आश ।।

-विनय #Palash