इस ज़िन्दगी का रोशन हर सितारा हो जाता काश! ये असीम "आसमान" मेरा हो जाता मैं हूँ धरती "मोहब्बत" है मुझे आसमान से बिखरी मैं देखती हूँ रोज उसे इन नजरों से बेबसी उसकी भी और मेरी भी है "इश्क़" में उसके मुकद्दर में मैं नहीं, ना वो मेरे नसीब में 🔥A challange by Collab Zone🌟 🔥 समय - 27 अप्रैल शाम 5 बजे तक 🔥 4 -6 पंक्तियों में ही रचना लिखनी है 🔥 रचना लिखने के बाद कमेंट में Done जरूर लिखे ।