मित्र कितना विचित्र.. देश का जो होता हे वहीं दो देशी होता हे...फिर संकोच केसा यार देशी बनने में.. देशी भाषा अपनी भाषा.. ओर स्वदेसी अपने विचार अचार देशी हो हमारी परिभाषा.. भाई नो पिज़्ज़ा बर्गेर ना डिस्को ना बार ओर ना विदेशी प्यार... अपना देश अपना भेष मित्र कुछ बदल विचार हे.. मन श्री.. देशी #IndiaLoveNojoto deshi swadeshi