अब तक तो नहीं टूटा, आगे भी नहीं टूटूंगा.. तुम मुखालिफ* हो तो हुआ करो, अलबत्ता इस पर भी मैं, तुमसे नहीं रूठूंगा.. ये तो तय है कि मुंसिफों* के फैसले से हुकूक* नहीं छिना करते, क्योंकि मुतमई* हूं इस बात पर कि दावर* का फैसला ही सही वक्त और आखिर होगा.... **मुखालिफ_विरोध,मुंसिफ_न्याय करने वाला,हुकूक_अधिकार, दावर_ईश्वर, मुतमई _आश्वस्त। ©Anup Arora #मुतमई