हे मात भारती हे बागेश्वरी,लाज राखिओ हे वीणावादिनी, तानों से बहुत सताए हैं,शरण में राखिओ हे वीणावादिनी सुर में गाना ना आए,फिर भी सुर-ताल लगाऊं, मेरी वाणी में आके विराजिओ, हे वीणावादिनी, हे विद्या की देवी, हे वीणापाणि,हे श्वेत वस्त्र धारिणी, शरणागत को दे दे शरण, हे हंस वाहिनी,हे वीणावादिनी, अज्ञानता के तमस को दूर करो, हे जगत जननी हे कमल पुष्प वाहिनी, हर तरफ चमके ज्ञान का सूरज, ऐसा आत्म ज्ञान दो, हे ज्ञानदा हे वीणावादिनी, खुशियों को माँ मेरी, किसी की नज़र लग गई, दया दृष्टि करके झोली मेरी खुशियों से भर दे,हे वीणावादिनी, कर दे करुणा दृष्टि, हे माँ शारदे हे माँ सरस्वती, चरणों में अपने हमें स्थान दो, हे वीणावादिनी। प्रतियोगिता संख्या #६ नमस्कार लेखकों/कातिबों 1:आज के इस विषय पर अपने बहुमूल्य विचार रखें। 2: पंक्ति बाध्यता नहीं केवल वालपेपर ही लिंखें। वर्तनी एवं विचार की शुद्धता बनाए रखें। 3: आप हमारी कोट को हाइलाइट करें।