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जो ऊंचाईयों में तभी तक उड़ पाती । जब तक किसी दूसरे

जो ऊंचाईयों में तभी तक उड़ पाती ।
जब तक किसी दूसरे से कट न जाती ।।
एक बार कट गई ।
तो समझ ही नहीं आता कहाँ गिरी कहाँ गई ।।
अपने इश्क़ की पतंग थोड़ी कम उड़ाये ।
पर कटने से बचाएं ।। मकर सक्रांति आई है,
खुशियों की पतंग साथ लाई है।

OPEN FOR COLLAB  🌿
A challenge by quotezone✍️🌹🙏
Collob करके कॉमेंट्स में done लिखना ना भूलें
अगर लिखने का हुनर है तो लिखें जरूर 
Collab with your heart feel words.
जो ऊंचाईयों में तभी तक उड़ पाती ।
जब तक किसी दूसरे से कट न जाती ।।
एक बार कट गई ।
तो समझ ही नहीं आता कहाँ गिरी कहाँ गई ।।
अपने इश्क़ की पतंग थोड़ी कम उड़ाये ।
पर कटने से बचाएं ।। मकर सक्रांति आई है,
खुशियों की पतंग साथ लाई है।

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ashokmangal4269

Ashok Mangal

New Creator