जो ऊंचाईयों में तभी तक उड़ पाती । जब तक किसी दूसरे से कट न जाती ।। एक बार कट गई । तो समझ ही नहीं आता कहाँ गिरी कहाँ गई ।। अपने इश्क़ की पतंग थोड़ी कम उड़ाये । पर कटने से बचाएं ।। मकर सक्रांति आई है, खुशियों की पतंग साथ लाई है। OPEN FOR COLLAB 🌿 A challenge by quotezone✍️🌹🙏 Collob करके कॉमेंट्स में done लिखना ना भूलें अगर लिखने का हुनर है तो लिखें जरूर Collab with your heart feel words.