हिज्र का ज़िक्र जब कहीं आया फिकर फिर हो गई तुम्हारी यूँ कि पशेमां तो नहीं अपनी अमलदारी पे होश आया तो फिर करार आया के ता'लीम-ए-पशीमानी वो पढ़ी ही नहीं Hijr : separation Pasheman: repentance Talim e pashimani: education of regret Amaldari : govt. #hijr #yqbaba #yqdidi #yqbhaijan #yqurdu #shayari #challenge #poetry