बेख़बर तेरी चंद यादें भी खोने से डरता हूँ कभी खुद से तो कभी खुदा से लड़ता हूँ तुम लौट के आ जाओ इस फ़िराक में मैं ख़्वाईशों को दम तोड़ने से रोकता हूँ 🍁राकेश तिवारी🍁 मेरी लिखी नज्म जो मेरे दिल के बहुत करीब है ये उनमें से एक है😊❤️ Collab on this #rzpictureprompt and add your thoughts to it! 😊 Highlight and share this beautiful post so no one misses it!😍 Don't forget to check out our pinned post🥳