कभी कभी मैं यह सोचता हूं मुझको तेरी तलाश क्यों है बिखर कर टूट चुका है ये दिल मेरा फिर भी इस दिल को तेरी आश क्यों है क्यों देखता हूं उस गली को जहां से तू हर रोज गुजरा करती थी, पता नहीं पर, फिर भी तुझे उस गली से गुजरते देखने का चाह क्यों है कट-छट चुका हूं अपनों से क्योंकि जहन में सिर्फ तू है अब सब लोग पूछते हैं मुझे तेरा ऐसा ये हाल क्यों है थक कर हार चुका हूं अब किसको और क्या बताऊं अब तैयार रहो तुम लोगों को ये बताने के लिए तुम्हारी दहलीज पर ये किसकी “लाश” और क्यों हैं। #क्योंहै #nojoto #nojotohindi #hindi #thought #love #life