"फुर्सत के लम्हें" इस व्यस्त जीवन से कुछ लम्हें चुराना चाहती हूं... मैं अपने लिए कुछ पल फुर्सत के चाहती हूं... जब काम से निपट कर दो घड़ी सुकूं से बैठती हूं... उन कुछ पलों में ही मैं महलों का सुख भोग लेती हूं... जब किसी दिन नहीं निकाल पाती एक पल भी... थकान से चूर जब रात में बिस्तर पर लेटती हूं... मानो संसार में इससे बड़ा कोई आनंद नहीं मैं पाती हूं... यूं तो मैं वक्त के साथ चला करती हूं... पर कभी कभी वक्त आगे और मैं पीछे... तो कभी मैं दौड़कर आगे निकल जाती हूं... और इसी पकड़म - पकड़ाई और लुका - छिपी से... चुरा लेती हूं , कुछ लम्हें मैं अपने लिए... ©Nikita Sharma (Ni-Chha) #personallife#time#mineworld