White मिलेंगे ज़रूर हम मुसाफिर बन मिलेंगे । पर मिलेंगे, हम जरुर । अजनबी सा पास आकर,, फिर चले जाएंगे दूर,, बैठकर उसी घाट पर, न इशारा न बात कर। उठ चलें जाएंगे हम,, इस क़दर मुलाकात कर । पूछ कर गंतव्य पथ फिर, हम निकल जाएंगे दूर। हम मुसाफिर बन मिलेंगे । पर मिलेंगे, हम जरुर । न हसरत रहे मिलने की फिर, न गम बिछड़ने का रहे । न मिले,न फिर मिलेंगे,, यूं अजनबी सा मन रहे। पर देखेंगे जरूर..!! ©Rishi Ranjan #sad_shayari hindi poetry on life hindi poetry poetry on love poetry