सफर पर थे ऐ-राहे-ज़िन्दगी, पास मे बस सादी मासुमियत थी बाज़ार तो पहुँचें थे हम ये याद है अब अभी, पर लौटे तो मासुमियत गुम थी कहीं। Arani lost in living #feather