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शीर्षक:-*आज मुझे कुछ कहना है* जब लड़े नैन से नैन

शीर्षक:-*आज मुझे कुछ कहना है*

जब लड़े नैन से नैन हमारे
इस दिल को तुझसे प्यार हुआ,
 बनकर  तेरी धड़कन, मुझे इस दिल में धड़कना है,****२
जानेमन,आज मुझे कुछ कहना है।।

सूनी, तेरे माथे का श्रृंगार बन जाऊं,
 तेरे हर सुख दुख का  भागीदार बन जाऊं,
देकर सुख तुझे,तेरे हर दुख को मुझे सहना है,****२
जानेमन,आज मुझे कुछ कहना है।।

मायूस, तेरी आंखो का नूर बन जाऊं,
चमकती रहे सदा,कोहिनूर बन जाऊं,
बनकर तस्वीर मुझे इन आंखों में बसना है,****२
जानेमन,आज मुझे कुछ कहना है।।

बेरंग, तेरे होंठो की लाली बन जाऊं,
चुरा न ले कोई,माली बन जाऊं,
बनकर तेरी मुस्कान मुझे इन होंठो पर रहना है,****२
जानेमन,आज मुझे कुछ कहना है।।

सूनी तेरी कलाई की खनकार बन जाऊं,
करू सदा इसकी हिफाज़त, चुडिहार बन जाऊं,
बनकर कंगन तेरी कलाई में मुझे खनकना है,****२
जानेमन,आज मुझे कुछ कहना है।।

उदास तेरे पैरों की झनकार बन जाऊं,
रक्खू इसे सलामत,सोनार बन जाऊं,
बनकर छागल तेरे पैरों में मुझे छनकना है,****२
जानेमन,आज मुझे कुछ कहना है।।

संगमरमर से तेरे बदन का हकदार बन जाऊं,
कोई गिरा न दे, पहरेदार बन जाऊं,
बनकर तेरा लिबास तेरे तन को मुझे ढकना है,****२
जानेमन,आज मुझे कुछ कहना है।।

 तेरी मंजिल का मैं रहगुजर बन जाऊं,
 जिंदगी भर के सफर का हमसफ़र बन जाऊं,
बनकर तेरी परछाई मुझे साथ साथ चलना है,****२
जानेमन,आज मुझे कुछ कहना है।।

थामुंगा तेरा हाथ तो उम्र भर निभाऊंगा,
आयी मुसीबत तुझपर तो दुनिया से लड जाऊंगा,
छूटा अगर साथ तेरा, तो कहना ना मै बेवफ़ा था,
जानेमन, बस मुझे यही कहना था,
बस मुझे यही कहना था,।।।।।

                         ✒️@एसडी@ #सृंगार रस
शीर्षक:-*आज मुझे कुछ कहना है*

जब लड़े नैन से नैन हमारे
इस दिल को तुझसे प्यार हुआ,
 बनकर  तेरी धड़कन, मुझे इस दिल में धड़कना है,****२
जानेमन,आज मुझे कुछ कहना है।।

सूनी, तेरे माथे का श्रृंगार बन जाऊं,
 तेरे हर सुख दुख का  भागीदार बन जाऊं,
देकर सुख तुझे,तेरे हर दुख को मुझे सहना है,****२
जानेमन,आज मुझे कुछ कहना है।।

मायूस, तेरी आंखो का नूर बन जाऊं,
चमकती रहे सदा,कोहिनूर बन जाऊं,
बनकर तस्वीर मुझे इन आंखों में बसना है,****२
जानेमन,आज मुझे कुछ कहना है।।

बेरंग, तेरे होंठो की लाली बन जाऊं,
चुरा न ले कोई,माली बन जाऊं,
बनकर तेरी मुस्कान मुझे इन होंठो पर रहना है,****२
जानेमन,आज मुझे कुछ कहना है।।

सूनी तेरी कलाई की खनकार बन जाऊं,
करू सदा इसकी हिफाज़त, चुडिहार बन जाऊं,
बनकर कंगन तेरी कलाई में मुझे खनकना है,****२
जानेमन,आज मुझे कुछ कहना है।।

उदास तेरे पैरों की झनकार बन जाऊं,
रक्खू इसे सलामत,सोनार बन जाऊं,
बनकर छागल तेरे पैरों में मुझे छनकना है,****२
जानेमन,आज मुझे कुछ कहना है।।

संगमरमर से तेरे बदन का हकदार बन जाऊं,
कोई गिरा न दे, पहरेदार बन जाऊं,
बनकर तेरा लिबास तेरे तन को मुझे ढकना है,****२
जानेमन,आज मुझे कुछ कहना है।।

 तेरी मंजिल का मैं रहगुजर बन जाऊं,
 जिंदगी भर के सफर का हमसफ़र बन जाऊं,
बनकर तेरी परछाई मुझे साथ साथ चलना है,****२
जानेमन,आज मुझे कुछ कहना है।।

थामुंगा तेरा हाथ तो उम्र भर निभाऊंगा,
आयी मुसीबत तुझपर तो दुनिया से लड जाऊंगा,
छूटा अगर साथ तेरा, तो कहना ना मै बेवफ़ा था,
जानेमन, बस मुझे यही कहना था,
बस मुझे यही कहना था,।।।।।

                         ✒️@एसडी@ #सृंगार रस
subhamdubey3322

Subham Dubey

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