छोटी सी ज़िंदगी है परेशानियाँ बहुत हैं। रस्ता नहीं है आसां दुश्वारियाँ बहुत हैं। हैं फूल बहुत थोड़े कांटे बहुत जियादा- रंग-ए-बहार कम है वीरानियाँ बहुत हैं। रिपुदमन झा 'पिनाकी' धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©Ripudaman Jha Pinaki #दुश्वारियां