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हे ईश्वर तेरे प्रांगण में हम नन्हे बालक गुहार लगा

हे ईश्वर तेरे प्रांगण में हम नन्हे बालक गुहार लगा रहे,
बिन सापेक्ष शिक्षक के आज हम अधूरा ज्ञान  पा रहे,
मन की अभिलाषा मेरी ज्ञान में सम्पूर्ण मैं बन जाऊँ,
आज वो शिक्षक का स्नेह स्पर्श आशीष याद आ रहे।
 🌹 " कल्पना की रचना " 🌹 

🎁 अभी कल्पना की कविता शुरू हो गया । 

🎁 आपको एक रचना लिखना है । इसी वॉलपेपर के अनुसार । 

🎁 " कल्पना की रचना " का अर्थ है - कल्पना करके एक रचना लिखनी है वॉलपेपर के अनुसार ।
हे ईश्वर तेरे प्रांगण में हम नन्हे बालक गुहार लगा रहे,
बिन सापेक्ष शिक्षक के आज हम अधूरा ज्ञान  पा रहे,
मन की अभिलाषा मेरी ज्ञान में सम्पूर्ण मैं बन जाऊँ,
आज वो शिक्षक का स्नेह स्पर्श आशीष याद आ रहे।
 🌹 " कल्पना की रचना " 🌹 

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