तुम जो नहीं हो अब तो क्या फर्क है। अब भी वही सुबह है जब नींद दोस्तों की आवाज से खुलती है। अब भी वही रात है जो ठहाको के साथ गुजरती है अब भी मै वहीं हूं जो किसी अनजान से बात करने में थोड़ा हिचकिचाता है। मै अब भी वही हूं जो देर तक सोना चाहता है। तुम जो नहीं हो अब तो क्या फर्क है। पता है अभी भी वो चांद वहीं है जहा तेरे होने पर रहता था वहीं है वो Qoridoor जहा तेरी बातों में मै खोता था। हा अगर कुछ नहीं है तो नहीं है वो अहसास जो तेरे होने पर होता था नहीं है वो डर जो तुझसे दूर जाने का होता था नहीं है वो फिक्र जो तेरी हर पल मै करता था नहीं है तेरा ज़िक्र जो हर शेर में लिखा करता था खैर छोड़ो.....तुम जो नहीं हो अब तो क्या फर्क है।..... #NojotoQuote क्या फर्क है