मोहब्बत में 'दर्द-ए-रुस्वाई' ही क्यूँ? सबके हिस्से में आती है संग-संग चलते- चलते हमसफ़र क्यूँ? अकेले छोड़कर जाती है वक़्त का सितम या नसीब, निगाहें ये सिर्फ़ आँसू छोड़ जाती है 'प्रेम' मुकाम पर था,प्रेम की हवाएँ क्यूँ? 'ज़ख़्म' लेकर आती है #विशेषप्रतियोगिता #rzलेखकसमूह #लेखनसंगी #collabwithrestzone #restzone #rztask225 #YourQuoteAndMine Collaborating with Nivedita Nonhare