मैं झूठ हूँ तो वफ़ा क्या है। मुझे बताओ मेरी खता क्या है।। इस मुहब्बत में है दर्द कितना। तू क्या जाने तुझे पता क्या है।। -आदिल फर्रुखाबादी आदिल