"हां मैं एक पत्रकार हूं" हां मैं एक पत्रकार हूं अत्याचार अन्याय के विरुद्ध भरता नित नई हूंकार हूं "हां मैं एक पत्रकार हूं" लोकतंत्र का चतुर्थ स्तंभ हूं अन्याय के विरुद्ध, सच के संग हूं मजदूर और मजबूर की आवाज समाज का एक अभिन्न अंग हूं सच के लिए हरदम लडूं निर्भीक हूं नहीं लाचार हूं "हां मैं एक पत्रकार हूं" मेरी आवाज को रुकना कभी आया नहीं मेरी कलम को झुकना कभी आया नहीं रोज मिलते हैं सियासत के नए पहरेदार पर मेरे अस्तित्व को कोई झुका पाया नहीं आईना दिखाने का साहस है मुझमें झूठ के लिए मैं उसकी हार हूं ............. "हां मैं एक पत्रकार हूं" ©priya chaturvedi poetess #patrakar #poetry #shyari #nazm #AWritersStory