सूरज को हमने रात में आते नहीं देखा। तुम गये तो हमें किसी ने मुस्कुराते नहीं देखा। घुमा फिराकर बात करते नहीं हैं हम, प्रेम से करते, हमें किसी ने टकराते नहीं देखा।। और तुम्हें भी अपने दिल में बसाते लेकिन, हमने तुम्हें कभी दिल में आते नहीं देखा।। मातृभूमि को भी नमन करते नहीं हैं जो, उन देशद्रोहियों को वन्देमातरम गाते नहीं देखा।। अभी भी रहते हैं लोग अंधेरो में "मनु" उन घरों तक हमने सूरज को जाते नहीं देखा।। #देशद्रोहियों को वन्देमातरम गाते नहीं देखा