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आंखों में मंजिलें थी, गिरते और संभलते रहे। हवा

आंखों में मंजिलें थी, 
 गिरते और संभलते रहे। 
 हवाओं में क्या दम था, 
 हम तो वो चिराग थे... 
 जो आंधियों में भी जलते रहे। 

             --Govinda's #Became unstoppable 😎😎
आंखों में मंजिलें थी, 
 गिरते और संभलते रहे। 
 हवाओं में क्या दम था, 
 हम तो वो चिराग थे... 
 जो आंधियों में भी जलते रहे। 

             --Govinda's #Became unstoppable 😎😎