जिस देश की बेटी मनु, लक्ष्मीबाई बन कर पहचानी गई, जिसके अदम्य साहस के आगे, गोरों की सरकार हारी गई।। सशक्त बन अंग्रेजों का सामना किया, पर्वत सी जो डटी रही, जिसके बरछी कटारी के आगे, बड़ी सी बड़ी सेना झुकी रही।। नारी केवल सौन्दर्य ही नही, रण चण्डी का वो रूप कहाई थी। घर की चौखट लांघ कर जो, रण क्षेत्र में नई क्रान्ति जगाई थी।। गुलामी की जंजीर तोड़कर जो, आजादी की कीमत पहचानी थी। जिसके आगे नतमस्तक हुए फिरंगी, वो भारत की नई रवानी थी।। अरि का दल कांप गया था, जब रण क्षेत्र में झांसी की रानी आई थी। फिर से उम्मीदों का हुआ सवेरा, जब भवानी ने अपनी तलवार चलाई थी।। स्वतंत्रता के इस महा युद्ध में, कुर्बान की जिसने अपनी जवानी थी। शौर्य, गाथा, पराक्रम, वीरता में, वह भारत की बेटी सिंहनी थी।। नही झुकना सीखा जो कभी, मरते मरते भी जो सबको मार गिराया था। उस झांसी की रानी से सीखना बहनों, कैसे भारत का सम्मान बचाया था।। कम उम्र में ही प्राण को त्यागा, पर अंतर्मन से कभी ना थी वो हारी। तुम्हारे सम्मान संग हो रहा खिलवाड़, हे बहनों अब आई तुम्हारी बारी।। कुछ तो सीखों बहनों आप भी उन से, कैसे हैवानों के आगे झुक जाती हो। उठा लो अब तुम भी बेटियों तलवारें, कैसे तुम ये दर्द सह जाती हो।। बहुत हो चुका घूंघट में जीवन, अब तुमको भी नई क्रान्ति जगानी है। तुम उठकर अब दिखा दो, भारत की हर बेटी में झांसी की रानी है।। #नेह_की_गाथा #NUBGupta #yqdidi #yqbaba #नेह_लक्ष्मी_बाई