*✍🏻“सुविचार"*📝 🪁*“14/1/2022”*🪘 🌾*“शुक्रवार”*🌴 देखिए ये जो “प्रेम” है ये “मन” में रखने के लिए नहीं है, “प्रकट” करने के लिए है और बार-बार इस “प्रेम को प्रकट” करना चाहिए “उचित अवसर”, “उचित समय” देखकर, यदि आप “प्रेमी” के साथ किसी “उत्सव” में है तो “नृत्य गान” किजिए,यदि आप “भीड़” में है तो “प्रेमी को सम्मान” दिजिए, “एकांत” में उसका “श्रंगार” किजिए, “दुःख” में उसका “हाथ” थामे और “सुख” में उसे “ह्रदय” से लगाए, जैसे ही आप “प्रेम प्रकट” करोगे वैसे ही “प्रेम में वृद्धि” होगी, ये “प्रेम” और भी “अधिक गहरा” होगा और “अटूट” भी होगा, “प्रेम” तो “पति-पत्नी”,“भाई-बहन”, “पिता-पुत्र”,“मां और संतान” सभी रिश्तो में होता है तो इस “प्रेम” को “मन” में नहीं इस “जीवन” में स्थान दिजिए, *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🪁 *“14/1/2022”*🪘 🌾 *“शुक्रवार”*🌴 *#“प्रेम”* *#“मन में”*