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मेरे बाद तेरे इश्क़ में, कोई जुल्फें संवारेगा, गा

मेरे बाद तेरे इश्क़ में, कोई जुल्फें संवारेगा, 
गालों को चूमेगा तुम्हारे। 


मगर किसी मंदिर की लाइन में, चिलचिलाती धूप में,
पीछे खड़े हो के तुम्हारे। 


 दुप्पटे का पल्लू बनाकर, शायद वो सिर पे ना रखे तुम्हारे।

©" शमी सतीश " (Satish Girotiya) #मंदिर
मेरे बाद तेरे इश्क़ में, कोई जुल्फें संवारेगा, 
गालों को चूमेगा तुम्हारे। 


मगर किसी मंदिर की लाइन में, चिलचिलाती धूप में,
पीछे खड़े हो के तुम्हारे। 


 दुप्पटे का पल्लू बनाकर, शायद वो सिर पे ना रखे तुम्हारे।

©" शमी सतीश " (Satish Girotiya) #मंदिर